गर प्यार नहीं तो क्या, नफ़रत से ही तुम देखो, जैसी भी तेरी मर्जी, पर एक नजर देखो. चेहरे की हंसी में तो, धोखा ही धोखा है, हसते हुए चेहरे में, रोता हुआ दिल देखो. नज़रों में कशिश हो तो, फिर उसका असर होगा, बस सर्त यही है तुम, जरा तीरे नजर देखो. हम जैसा दीवाना , ढूढे से न …
Read More »Meditation (ध्यान )
उसे पाना कठिन नहीं है, कठिन तो खुद को खोना है.
उसे पाने की तमाम कोशिशे बेकार गयी, खुद को मिटाता गया और दूरिया मिटती गयी. परमात्मा को पाने के उपाय ढूढ़ते है लेकिन राह बड़ी कठिन है,जो पहले से ही प्राप्त है उसे पाने का उपाय क्या ढूढना है, यह तो बड़ी नासमझी सी बात है, यह तो बेकार का समय बर्बाद करने जैसा है .वास्तव में परमात्मा को पाने …
Read More »परमात्मा तो पास ही है हम ही दूर हो गए हैं.
कैसा आस्चर्य है हम उसी को ढूढ़ रहे है जो हमारे सब से करीब है , हम उसी को प्राप्त करने में असमर्थ है जो हमें पहले से ही प्राप्त है.हम उसी के नहीं हो सके जो हमेसा से हमारा है. वह करीब है, हम दूर है. वह तो सदैव उपलब्ध है हम ही उपलब्ध नहीं है. हमेसा ब्यस्त रहते …
Read More »क्यों उदास हो जाऊं मैं.
माना की जंदगी में बहोत दर्द है मगर, खुशियां भी कम नहीं है, क्यों उदास हो जाऊ मैं. तुम मिलोगे या नहीं, ये तो पता नहीं है मुझे, उम्र बाकी है अभी , क्यों निरास हो जाऊ मैं. उठा हु जब भी लड़खड़ाके, जमे है पांव और भी मेरे, तूफ़ान देखकर, क्यों भला घबराऊं मैं. तुम तपाते रहो , ख़ाक …
Read More »मेरा मन
हमारे जीवन में मन की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. मन एक ऐसा माध्यम है जो हमें विषयो से जोड़ता है परन्तु विषयो का चुनाव हम स्वयं करते है. मन तो सिर्फ बीच की कड़ी होता है. जब हम मन के माध्यम से किसी विषय से जुड़ते है तो उस विसय के गुंड -दोस के अनुसार हमारे भीतर विचार आने …
Read More »पिया का साथ.
तेरा मालिक, तेरा परमात्मा,तेरा पिया हमेशा तेरे साथ है लेकिन तू ही उससे दूर है, तू ही इधर – उधर भटक रहा है. बस एकबार तू उसका साथ पकड़ ले तेरे सारे गम दूर हो जाएंगे. तू छोड़ दे सारी बात, पकड़ ले सिर्फ पिया का हाथ. तेरे गम भाग जाएंगे, तेरे गम भाग जाएंगे. सारे जग से प्रीत लगाई, …
Read More »कौन हु मै
कौन हु मै, मुझे अहसास करादे मौला. आईना मुझको, एकबार दिखादे मौला. कौन से सहर से आया हु , मुझे जाना है कहा, मेरी मंजिल का पता, मुझको बतादे मौला. कहते है इश्क जो सच्चा है, तो मिलता है खुदा. इस कदर मुझको भी, दीवाना बनादे मौला. अँधेरी रात है, खोई खोई सी राहें है. अपनी रहमत का ज़रा, सम्मा …
Read More »स्वयं के संग
आईए आज स्वयं के बारे में कुछ विचार करते है. अपने जीवन को एक नज़र देखते है हम क्या कर रहे है, हम क्यों कर रहे है.अभी तक हमने क्या हासिल किया है और क्या खोया है.हम सुखी और आनंदित होना चाहते है परन्तु हम हमेसा परेशान ही क्यों रहते है. आखिर क्यों हम इतने प्रयास के बावजूद भी सुख …
Read More »मैडिटेशन (ध्यान)
समाज में मैडिटेशन,ध्यान की अनेक विधिया प्रचलित है.आज- कल लोगों का ध्यान के प्रति काफी रूचि बढ़ रही है, अनेक लोग ध्यान से जुड़ रहे है और बहुत से लोग ध्यान से जुड़ना चाहते है. वास्तव में ध्यान कोई कठिन क्रिया नहीं है ध्यान तो हमारी स्वाभाविक अवस्था है परन्तु हम लगातार बाहरी दुनिया से जुड़े रहते है इसलिए हम …
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