गर प्यार नहीं तो क्या, नफ़रत से ही तुम देखो,
जैसी भी तेरी मर्जी, पर एक नजर देखो.
चेहरे की हंसी में तो, धोखा ही धोखा है,
हसते हुए चेहरे में, रोता हुआ दिल देखो.
नज़रों में कशिश हो तो, फिर उसका असर होगा,
बस सर्त यही है तुम, जरा तीरे नजर देखो.
हम जैसा दीवाना , ढूढे से न पाओगे,
चाहे सारी गली देखो, चाहे सारा सहर देखो.
औरो को नसीहत क्या, तुम देते फिरते हो,
कभी वक्त मिले कुछ तो, ज़रा अपना घर देखो.
अच्छे लगने खातिर ये सजना, संवरना क्या,
अच्छा दिखाना है तो, अच्छे बनकर देखो.
डरता हु न बन जाए, फिर कोई अफसाना,
इसके लिए कहता हूँ, ऐसे न मुझे देखो.
पाना है खुदा को तो दर-दर का भटकना क्या,
मै तुझमे खुदा देखूं, तुम मुझमे खुदा देखो.