सभी मौसम से बेहतर है, तुम्हारे प्रीत का मौसम.
हमारे लव पे आती है, तुम्ही से गीत का मौसम.
तू खिदमत करदे जिसकी भी, निगाहो से, इसारो से,
उसी के दिल पे छा जाये , तुम्हारी जीत का मौसम.
तुम्हारा साथ न मांगे तो क्या मांगे खुदा से हम,
किसी जन्नत से क्या कम है, तेरे नजदीक का मौसम.
तेरी बातों में यु उलझा की बस उलझा रहा अबतक,
बदलती है तेरे रुख से , मेरे तकदीर का मौसम.
तुम्हारी मुस्कराहट को भुला पाना नहीं मुमकिन,
सताएगी मुझे हर पल , अधूरी प्रीत का मौसम.